पाठ-16 ( मेरा देश )
प्रश्न-1 हमारे देश के कितनें ? और कौन-कौन से नाम है ?
उत्तर-1 हमारे देश के चार नाम हैं | नाम इस प्रकार हैं |
1.आर्यावर्त 2.हिन्दुस्तान 3.india 4.भारत
|
प्रश्न-2 राष्ट्र किसे कहते हैं ? सच्चा राष्ट्र भक्त कौन होता है ?
उत्तर-2 1.राष्ट्र = संस्कृति, इतिहास और भूमि = अर्थात् प्रकृति इन तीनों सम्पदाओं के समूह का नाम राष्ट्र है | 2.संस्कृति = देश के पूर्वजों द्वारा निर्मित और परिपालित जीवन विधि को संस्कृति कहा जाता है | 3. इतिहास = स्वदेश में पैदा हुए वीर पुरुषों की जीवन लीला का नाम इतिहास है | और सच्चा राष्ट्र भक्त वह होता है जो संस्कृति, इतिहास और भूमि = अर्थात् प्रकृति इन तीनों से प्रेम करे |
प्रश्न-3 पुरुष के रूप में इस देश का वर्णन कीजिए ?
उत्तर-3 पुरुष के रूप में इस देश का वर्णन इस प्रकार है – पंजाब और बंगाल इसके दो हाथ है | कटाक्ष और पुष्कर राज इसके दो नेत्र हैं | उत्तर प्रदेश इसका वक्षस्थल है | महाकौशल ह्रदय है | नासिक इसकी नाभि है | त्रावणकोर और रामेश्वरम् इसके दो चरण है | सागर इसका चरण सेवक और हिमालय इसका सन्तरी है | कैलास इसके सिर का मुकुट है | गंगा और यमुना मालाएँ इसके वक्षस्थल की शोभा है |
प्रश्न-4 संस्कृति और इतिहास में अन्तर को स्पष्ट कीजिए ?
उत्तर-4 संस्कृति और इतिहास में अन्तर :- संस्कृति = देश के पूर्वजों द्वारा निर्मित और परिपालित जीवन विधि को संस्कृति कहा जाता है | और इतिहास = स्वदेश में पैदा हुए वीर पुरुषों की जीवन लीला का नाम इतिहास है | और सच्चा राष्ट्र भक्त वह होता है जो संस्कृति, इतिहास और भूमि = अर्थात् प्रकृति इन तीनों से प्रेम करे |
प्रश्न-5 आर्यावर्त, भारतवर्ष और हिन्दूस्तान ये नाम इस देश की किन-किन वस्तुओं
का प्रतिनिधित्व करते है ?
उत्तर-5 आर्यावर्त और भारतवर्ष और हिन्दूस्तान आदि ये नाम इस देश की विभिन्न संस्कृतियों का एवं गुणों का प्रतिनिधित्व करते है | जैसे-
आर्यावर्त= नाम इस देश की संस्कृति का प्रतीक है |
भारतवर्ष= नाम इस देश के इतिहास का प्रतिनिधित्व करता है |
हिन्दुस्तान= नाम इस देश की भौगोलिक संज्ञा का प्रतीक है | और
इण्डिया= अंग्रेजी राज का प्रतीक है |
प्रश्न-6 इस देश का नाम आर्यावर्त और भारत वर्ष नाम क्यों पड़ा ?
उत्तर-6 इस देश का नाम आर्यावर्त और भारत वर्ष नाम इसलिए पड़ा क्योंकि आर्यावर्त और भारतवर्ष ये नाम इस देश की विभिन्न संस्कृतियों का एवं गुणों का प्रतिनिधित्व करते है| आर्यावर्त= नाम इस लिए पड़ा क्योंकि सृष्टि के आदि में इस देश का कुछ भी नाम न था फिर भी अपने को आर्य कहते थे | आर्य शब्द का अर्थ है कि- आस्तिक, श्रेष्ठ, और गुणवान, आचारवान, गतिशील, एक ऐसा व्यक्ति जिसके जीवन का उद्देश्य सत्य –असत्य का विवेक, सुकर्म करना और ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति करना | इस प्रकार के लोगों के निवास स्थान का नाम आर्यावर्त है अतः इस देश का नाम आर्यावर्त पड़ा | यह देश की संस्कृति का प्रतीक है | और भारतवर्ष= नाम इस लिए पड़ा क्योंकि यह देश के इतिहास का प्रतिनिधित्व करता है | महान प्रतापी राजा भरत ने इस देश का गौरव बढाया अतः इनके नाम पर इस देश का नाम भारत पड़ा |
अतिरिक्त प्रश्न- आर्य किसे कहते हैं ? आर्य का अर्थ क्या है ?
उत्तर- आर्य = शब्द का अर्थ है- आस्तिक, श्रेष्ठ, और गुणवान, आचारवान, गतिशील, अर्थात् एक ऐसा व्यक्ति जिसके जीवन का उद्देश्य सत् –असत् का विवेक करना , सुकर्म करना और ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति करना | इस प्रकार के लोगों के निवास स्थान का नाम आर्यावर्त है इसीलिए हमारे देश का नाम भी आर्यावर्त पड़ा | और हम सब आर्य हैं |
पाठ-17 ( रोगी कौन नहीं )
प्रश्न-1 हितभुक् का क्या अर्थ है ?
उत्तर-1 हितभुक् का अर्थ है – ऐसी वस्तुएँ खाने वाला जो स्वास्थ्य के लिए हितकर हैं | अच्छी हैं | अर्थात् हितकारी भोजन खाने वाला |
“ जीने के लिए खाना चाहिए न कि खाने के लिए जीना चाहिए ”
प्रश्न-2 रोगी न हों इसके लिए भोजन में किन बातोंका ध्यान रखनाचाहिए?
उत्तर-2 रोगी न हों इसके लिए भोजन में निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए | 1.ऐसी वस्तुएँ खानी चाहिए जिनसे शरीर को लाभ हो और शक्ति मिले | जैसे-भोजन सीमित मात्रामें खाना चाहिए | स्वादिष्ट खाना चाहिए | दूध पीना चाहिए | फल खानें चाहिए | मक्खन खाना चाहिए |
प्रश्न-3 चरक मुनि नें पक्षी बनकर “कोरूक्”का प्रश्न वैद्यों से क्यों किया ?
उत्तर-3 जब महर्षि चरक आयुर्वेद से सम्बंधित सारे ग्रन्थ लिख चुके , सब विधियों का उल्लेख कर चुके ,सब प्रकार की चिकित्सा पद्धति का प्रचार-प्रसार कर चुके तो उनके मन में दिए हुए ज्ञान की परीक्षा लेने का विचार आया कि-चलूँ देखूं की मेरा परिश्रम सफल हुआ कि नहीं | तब एक पक्षी का रूप धारण करके एक पेड़ पर बैठके प्रश्न किया –
कोरूक्-कोरुक्-कोरुक् =अर्थात् रोगी कौन नहीं ? |
प्रश्न-4 मितभुक् न होने का क्या परिणाम हो सकता है ?
उत्तर-4 मितभुक् न होने का यह परिणाम होता है कि- लाभ के स्थान पर हानि हो सकती है | अधिक मात्रा में खाया हुआ भोजन शरीर के लिए हानि कारक होता है | इसलिए वाग् भट जी ने कहा है कि- हमें मितभुक्= अर्थात् थोड़ा भोजन करना चाहिए |
प्रश्न-5 “पाप का अन्न “ खाने का क्या परिणाम हो सकता है ?
उत्तर-5 “पाप का अन्न “ खाने का यह परिणाम होता है कि-
1.पाप का अन्न खाने से हमारी आत्मा गिरती है |
2. आगे बढ़ता हुआ मनुष्य पतन की ओर जाता है |
3. पाप का अन्न खानें से मनुष्य कभी अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाता | हमें इस प्रकार के अन्न से बचना चाहिए |
पाठ-18 ( अन्धविश्वास का फल )
प्रश्न-1 सिन्ध प्रान्त पर आक्रमण करते समय मोहमम्द बिन कासिम की आयु क्या थी ?
उत्तर-1 सिन्ध पर आक्रमण करते समय मोहमम्द बिन कासिम की आयु 20 वर्ष की थी |
प्रश्न-2 सिन्ध पर आक्रमण के समय सिन्ध में किस राजा का राज्य था ?
उत्तर-2 सिन्ध पर आक्रमण के समय सिन्ध में राजा दाहर का राज्य था |
प्रश्न-3 मोहम्मद वारिस नें राजा दाहर की आज्ञा का उल्लंघन क्यों किया ?
उत्तर-3 मोहम्मद वारिस नें राजा दाहर की आज्ञा का उल्लंघन इसलिए किया क्योंकि –
वह एक मुसलमान था और इसके विचार में “ मजहब नहीं सिखाता आपस में वैर करना ” अर्थात् मुसलमान को मुसलमान के साथ लड़ने की आज्ञा नहीं देता यह कहता हुआ राजा दाहर से गद्दारी करके अन्त में यह मुसलमान शासक मोहम्मद बिन कासिम से जा मिला और सिन्ध पर आक्रमण करने में उसकी सहायता की |
प्रश्न-4 राजा दाहर की विजय को पराजय में बदलनें के लिए पुजारी नें क्या उपाय बताया ?
उत्तर-4 राजा दाहर की विजय को पराजय में बदलने के लिए स्वार्थी पुजारी ने उपाय बताया कि- यदि राज्य के प्रसिद्द मन्दिर पर लगे झण्डे को गिरा दिया जाए तो आपकी विजय सम्भव है और यदि इस कार्य के लिए आप मुझे उचित दक्षिणा दें तो मै इस कार्य को कर सकता हूँ | इस प्रकार राजा दाहर को अपने ही राज्य के गद्दारों के कारण पराजित होना पड़ा |
प्रश्न-5 राजा दाहर के तहखाने में कितना सोना भरा हुआ था ?
उत्तर-5 राजा दाहर के राज्य के तहखाने में ताबें की चालीस देंगें थी जिनमें 17 हजार 200 मन सोना भरा हुआ था | कासिम सोने से भरी इन देगों को ऊँटों पर लादकर अपने देश गजनी ले गया था |
पाठ-19 ( अटल प्रीति )
प्रश्न-1 (उत्तर सहित ) दो वर्गों में से शब्दों को छांटकर जोड़े बनाएं |
शब्द सम्बन्ध
चाँद =
कमलफूल =
ज्योति =
चुम्बक =
मीन =
मै =
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चकोर
भौंरा
पतंगा
लोहा
पानी
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पाठ-20 ( हमारे पर्व )
प्रश्न-1 (उत्तर सहित) निम्नलिखित तिथियों को हमारे पर्वों से जोड़ें | जैसे–
1.चैत्र शुकलप्रतिपदा =
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नव संवत्सर दिवस (अप्रैल में )
|
2.चैत्र शुकल नवमी =
|
श्री रामनवमी (अप्रैल में )
|
3.वैसाख पूर्णिमा =
|
श्री बुद्ध जयन्ती (मई में )
|
4.श्रावण पूर्णिमा =
|
श्रावणी पर्व या रक्षा बंधन (अगस्त )
|
5.आषाढ़ पूर्णिमा =
|
गुरु पूर्णिमा (मई में )
|
6.आश्विन पूर्णिमा =
|
शरद् पूर्णिमा (अक्तूबर में )
|
7.कार्तिक पूर्णिमा =
|
गुरुनानक जयन्ती (नवम्बर )
|
8.फाल्गुन पूर्णिमा =
|
होलिका या होली त्यौहार (मार्च )
|
9.भाद्रपद कृष्णा अष्टमी =
|
श्री कृष्ण जन्माष्टमी ( अगस्त में )
|
10.फाल्गुन कृष्णा त्रयोदशी =
|
महाशिवरात्रि या ऋषिबोध पर्व(मार्च में )
|
प्रश्न-2 नोट:- इस प्रश्न का उत्तर छात्र स्वयं लिखेंगे | चार्ट आदि भी बना सकते हैं |
पाठ -21 (संध्या एवं देव यज्ञ के मन्त्र )
नोट:- छात्र निम्नलिखित मन्त्रों को अर्थ सहित अवश्य याद करेंगे और अपने शिक्षक को विशेष रूप से सुनाएँ |
( संध्या के मन्त्रों से चुने हुए कुछ मन्त्र जो याद करने हैं )
1.गायत्री मन्त्र 2.आचमन मन्त्र 3.इन्द्रियस्पर्श मन्त्र 4.मार्जन मन्त्र
5.प्राणायाम मन्त्र 6.समर्पण मन्त्र 7.नमस्कार मन्त्र
8.ईश्वरस्तुतिप्रार्थना उपासना मन्त्र
9.शान्तिपाठ मन्त्र
Syi
ReplyDeleteअत्यंत सार्थक प्रयास श्रीमान !
ReplyDeleteकक्षा -7वीं के आरम्भिक प्रश्नोत्तर नहीं दिख रहे?
ReplyDeleteSir class 8th Science
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